Pendri Talab Mungeli – इस चमत्कारी तालाब में नहाने से हो रहें हैं सभी रोग ठीक , इसलिए रोज नहा रहें हैं लाखों लोग। जानिए पुरी रियल कहानी

खेती किसानी

Pendri Talab Mungeli (पेंड्री तालाब वि.ख.- लोरमी जिला-मुंगेली)

परिचय 

पेंड्री तालाब, इसलिए इतना फेमस हो गया है क्योंकि यह एक ऐसा चमत्कारी तालाब है, जहां नहाने से सभी प्रकार के शारीरिक रोग जैसे- कुष्ठ बीपी शुगर और अन्य लगभग सभी प्रकार की बीमारियां ठीक होने लगा है। यह तालाब जिला मुंगेली के लोरमी विकासखंड के पेंड्री तालाब नामक गांव में है।

पेंड्री तालाब का इतिहास

बाबा गुरु घासीदास जी का जन्म 18 दिसंबर 1756 में गिरौदपुरी धाम , बलोदाबाजार जिला छत्तीसगढ़ में हुआ था। बाबा गुरु घासीदास जी छत्तीसगढ़ में सतनाम पंथ का सतनाम पथ प्रदर्शक है। बाबा गुरु घासीदास जी सतनामी जाति के लोगों का प्रमुख इस्ट हैं। इनका 2 बेटे बाबा अमरदास जी और बाबा बालकदास जी और 1 पुत्री ममतामई माँ सहोद्रा माता है जिनको करुणा माता भी कहते हैं।

baba amardas

क्योंकि आप बहुत ही दयालु थीं। यह तालाब बाबा गुरु घासीदास जी के बड़े बेटा संत शिरोमणि एवं तपस्वी बाबा अमर दास जी के कृपा के कारण ही लोगों का रोगों/शारीरिक समस्या को दूर कर पा रहे हैं। पेंड्री तालाब गांव वालों की मानना यह है कि इस तालाब के पानी छिड़काव करने से फसलों का रोग ठीक हो जाता है।

गांव वालों का कहना है कि यह तालाब लगभग 200 से 250 साल पुराना है। यह बहुत छोटा डाबरी जैसे हुआ करता था। जब बाबा अमर दास जी इस रास्ते कहीं जा रहे थे तब इस तालाब के पास ही एक कुष्ठ से ग्रसित नायक नाम का आदमी बैठा हुआ मिला, जिनकी समस्या को देखते हुए बाबा अमर दास जी ने उनसे पूछा कि क्या हो गया, क्यों ऐसा बैठा है, क्या समस्या है।

तो उन्होंने बताया कि उनको कुष्ठ रोग है, इसलिए एकांत में तालाब किनारे बैठा हूं, फिर बाबा अमर दास जी ने उनसे कहा कि आप कहीं से थोड़ा सा पानी लेकर आओ। फिर वह नायक नाम का आदमी उसी तालाब जो की छोटा सा डाबरी जैसा था, जहां पानी एकत्रित हो गया था। वहां से पानी लाया और बाबा अमर दास जी को वह पानी दिया तो उन्होंने उसे पानी से उसे आदमी का कुष्ठ रोग को ठीक कर दिया।

तो वह नायक नाम का आदमी का जब कुष्ठ रोग पूर्ण रूप से ठीक हो गया तो वह गांव वालों को जाकर बताया और अपना रोग के ठीक होने की खुशी में गाँव वालों के सहयोग से उस तालाब का चौड़ीकरण करवाया ताकि अन्य लोगों का भी रोक ठीक हो सके लेकिन उसे समय में उनकी बातों को उतना ज्यादा गहराई से नहीं लिया गया फिर भी आसपास के गांव वालों का मानना था कि उसे तालाब के पानी का छिड़काव अपने खेत पर किसी प्रकार का रोग होने पर छिड़काव करने से वह ठीक हो जाता है और कोई भी घर में पवित्र कम होने पर इस तालाब के पानी को पवित्र मानकर उपयोग किया जाता रहा है।

पेंड्री तालाब इतना फेमस कैसे हुआ?

लेकिन एक माह पहले की बात है जब यह तालाब इसलिए इतनी सुर्खियों में आया क्योंकि एक आदमी जो इस तालाब में नहाने से उनका कुष्ठ रोग ठीक हुआ। वहपेंड्री तालाब गांव के आदमी को इस तलाब के चमत्कार के बारे में बताया जब किसी भी गांव वालों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी ,तब यह बात यूट्यूब के माध्यम से वायरल हुआ।पेंड्री तालाब गांव का आदमी दुर्ग के पास का कोई गांव पर मेहमान के रूप में गए थे तो वहां अन्य मेहमान भी जो पेंड्री तालाब  में नहाया था वह भी आया हुआ था।

जब बातचीत में निकला कि आप कौन सा गांव से हो तो वह बताया कि मैं पेंड्री तालाब गांव का रहने वाला हूं करके तब जो आदमी ठीक हुआ था वह बताया कि यार आपके गांव में तो बहुत अच्छा चमत्कारी  तालाब है जहां पर मेरा कुष्ठ  रोग ठीक हो गया, क्या आपको इसके बारे में पता है।  तब वह आदमी बताया कि उनको  इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है करके।

फिर जब वह आदमी अपना गांव पेंड्री तालाब आया तब गांव वालों को बताया कि ऐसा- ऐसा बात है करके तब गांव के अन्य लोग भी जाकर जिनको  समस्या था, जैसे कि कुष्ठ रोग, शरीर में सफेद धब्बे । यह सब वाले लोग नहाए और उनका एक हफ्ते 15 दिन में उनका पूरा ठीक होने लग गया तब यह बात एकदम ज्यादा वायरल हो गया।

आज के टाइम में जिसको बीपी, शुगर, कुष्ठ रोग या अन्य किसी भी प्रकार का समस्या है जैसे घुटने का दर्द या किसी भी प्रकार का समस्या तो बाबा अमर दास जी की कृपा से इस तालाब में नहाने से और इस तालाब की मिट्टी को पूरे शरीर में लगाने से वह ठीक हो जा रहा है। 

इसलिए यहां आज लाखों की संख्या में लोग आ रहे हैं। कहा जाता है कि जिस समय में नायक को बाबा अमर दास जी ने ठीक किया उस समय से यह तालाब बाबा अमर दास जी के कृपा से चमत्कारी तालाब बन गया हैं क्योंकि बाबा अमर दास जी एक तपस्वी बाबा थे जिन्होंने तप के माध्यम से अपने समय में बहुत से लोगों का कुष्ठ और अन्य शारीरिक प्रॉब्लम को ठीक किया करते थे।

आज के समय में डेढ़ लाख से 2 लाख लोग प्रतिदिन इस पेंड्री तालाब में नहाने आ रहे हैं।  5 से 7 किलोमीटर तक पैदल चलकर तालाब तक जाना पड़ता है क्योंकि पूरे रास्ते ब्लॉक हो जाता है। यहां लोगों का मानना है कि सोमवार और गुरुवार का दिन ही नहाने के लिए सबसे अच्छा होता है और कम से कम तीन बार इस तालाब में नहाना होता है। कुछ लोगों को पहले बार नहाने से ही अच्छा लगने लगता है और कुछ लोगों को दो या तीन बार नहाने से अच्छा लगने लगता है।

जैसे कि सामान्य तालाब में नहाने के बाद मिट्टी के कारण से आपका शरीर एकदम अजीब से लगने लगता है जैसा कि फटा-फटा सा वैसा इस पेंड्री तालाब में नहाने से बिल्कुल भी नहीं लगता। पेंड्री तालाब में नहाने से आपको बहुत हल्का लगेगा और आपको तेल लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ता एकदम नरम मुलायम लगने लगता है और यह तालाब का पानी इतना गंदा हो गया है उसके बाद भी आपको नहाने में बिल्कुल भी हिचक, खुजली या ठंड या और कुछ अजीब बिल्कुल नहीं लगेगा। आपके पेंड्री तालाब में नहाने के बाद बहुत ही अच्छा लगने लगेगा।

कुछ लोगों का दांत का दर्द, कई लोगों का गले का प्रॉब्लम, कई लोगों का टांसिल, आंख की रोशनी का कम होना, डॉक्टर के पास लगातार इलाज करने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा सारे  प्रॉब्लम का ठीक ना होना जैसे बीमारी भी यहां आसानी से नहाने से ठीक हो जा रहे हैं। इसलिए यहां की मिट्टी और पानी को लोग बोतल में भर-भर के ले जा रहे हैं।

पेंड्री तालाब गांव से ही कुछ दूर में अमर टापू नाम का तीर्थ स्थल है जिसका नाम बाबा अमर दास जी के नाम पर रखा गया है क्योंकि यहीं पर बाबा अमर दास जी लोगों को सतनाम का संदेश और उपदेश दिया करते थे।

इसलिए आप भी यहां आ सकते हैं और बाबा गुरु घासीदास जी और बाबा अमर दास जी की कृपा से ठीक हो सकते हैं। जय सतनाम।

Google map से Pendri Talab Mungeli का लोकैशन – जिसे ट्रैक करके आप भी यहाँ आ सकतें हैं।

पेंड्री तालाब का यूट्यूब वीडियोज़ 

 

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