किसान उन्नति योजना छत्तीसगढ़ के तहत 12 मार्च 2024 को मिलेगा धान का बकाया बोनस राशि ।

किसान उन्नति योजना छत्तीसगढ़ 2024

योजना का वास्तविक नाम – कृषक उन्नति योजना छत्तीसगढ़

किसान उन्नति योजना छत्तीसगढ़/कृषक उन्नति योजना के क्रियान्वयन हेतु शासकीय नियमावली

छ.ग. राज्य में लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमीय प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है, फलस्वरुप किसान फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते है।

इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत राहत देने के लिये कृषक उन्नति योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।इस योजना को किसान भाई बोल चाल के भाषे में किसान उन्नति योजना भी कह दे रहें हैं।

किसान उन्नति योजना का उद्देश्य-

  • फसल क्षेत्राच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि ।
  • फसल के कास्त लागत में कमी लाकर किसानों के आय में वृद्धि तथा उनके सामाजिक-आर्थिक स्तर में सुधार ।
  • किसानों को उन्नत बीज, उर्वरक कीटनाशक, मानव श्रम, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में निवेश को प्रोत्साहन ।
  • कृषि को लाभ के व्यवसाय के रूप में पुर्नस्थापित करना ।

किसान उन्नति योजना हेतु किसानों की पात्रता

प्रदेश के समस्त भू-स्वामी एवं वन पट्टाधारी किसान , जिनसे खरीफ मौसम में सहकारी समितियों एवं छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमि के माध्यम से धान / धान बीज उपार्जित किया गया हो। किसान उन्नति योजना का लाभ लेने हेतु किसानों को धान विक्रय करने हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन करवाना अनिवार्य होगा।

विधिक व्यक्तियों यथा ट्रस्ट / मण्डल / प्राईवेट लिमि कंपनी / शाला विकास समिति / केन्द्र एवं राज्य शासन के संस्थान / महाविद्यालय आदि संस्थाओं तथा रेगहा / बटाईदार / लीज एवं डुबान क्षेत्र के किसानों को योजना से लाभ लेने की पात्रता नहीं होगी।

छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से खरीफ मौसम में धान बीज उत्पादन कार्यक्रम ( आधार एवं प्रमाणित) लेने वाले किसान ो को भी योजना से लाभ लेने की पात्रता होगी।

जो किसान प्रमाणित धान बीज उत्पादन कार्यक्रम लेते है और सामान्य धान भी सहकारी समितियों मे विक्रय करते है, उनके द्वारा कुल विक्रय की जाने वाली धान की मात्रा, उनके कुल धारित रकबे की सीमा से अधिक नहीं होना चाहिये, इसे छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. (मार्कफेड) एवं छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमि. द्वारा आपसी समन्वय से सुनिश्चित किया जाएगा।

किसान उन्नति योजना अंतर्गत किसानों को बोनस भुगतान की राशि

राज्य शासन द्वारा खरीफ मौसम में किसानों से खाद्य विभाग द्वारा प्रति एकड़ 21 क्विंटल निर्धारित मात्रा अनुसार धान उपार्जन किया जाएगा।

खरीफ 2023 में प्रदेश के किसानो से उपार्जित धान की मात्रा पर रुपये 19,257/- प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि/धान बोनस प्रदान की जाएगी।

आदान सहायता राशि / धान बोनस की गणना निम्नानुसार की जाएगी

भुगतान योग्य धान बोनस की राशि =उपार्जित धान की मात्रा (क्विं.)/प्रति एकड़ उपार्जन की निर्धारितमात्रा (21 क्वि) X 19257/-  रुपये

उदाहरणस्वरुप यदि किसी भू-स्वामी / वन पट्टाधारी किसान से खरीफ 2023-24 में कुल 200 क्विं. धान उपार्जन किया गया हो, तो किसान को देय आदान सहायता निम्नानुसार होगी 

भुगतान योग्य आदान सहायता राशि = 200 /21 X 19257 रुपये = 1,83,400 रुपये 

किसी किसान को अधिक भुगतान होने की स्थिति में संबधित किसान से राशि वसूल की जाएगी।

 किसान उन्नति योजना का क्रियान्वयन

खाद्य विभाग द्वारा विभिन्न सहकारी समितियों के माध्यम से खरीफ मौसम 2023-24 में उपार्जित की गई धान की मात्रा पर किसानों को पात्रतानुसार आदान सहायता राशि वितरण की जाएगी।

खाद्य विभाग द्वारा योजना का क्रियान्वयन छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. (मार्कफेड) के माध्यम से किया जाएगा।

प्रबंध संचालक, छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. (मार्कफेड) द्वारा किसानों से उपार्जित धान की मात्रा पर आदान सहायता राशि की मांग संचालक कृषि को प्रेषित की जाएगी। संचालक कृषि द्वारा मांग अनुसार राशि छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. (मार्कफेड) को उपलब्ध कराई जाएगी।

प्रबंध संचालक, छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. (मार्कफेड) यह सुनिश्चित करेंगे कि किसानों को राज्य शासन द्वारा घोषित आदान सहायता राशि प्राप्त हो सके। किसानों को पात्रतानुसार आदान सहायता राशि का अंतरण सीधे उनके बैंक खातो में किया जाएगा।

प्रबंध संचालक छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. (मार्कफेड) यह सुनिश्चित करेंगे कि व्यय राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र राशि प्राप्त होने के एक माह के भीतर संचालक कृषि को प्रेषित किया जाए।

छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा बीज उत्पादक किसानों से उपार्जित धान बीज की मात्रा पर आदान सहायता राशि की मांग संचालक कृषि को प्रेषित की जाएगी। संचालक कृषि द्वारा मांग अनुसार राशि छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड को उपलब्ध कराई जाएगी। राशि का अंतरण बीज निगम द्वारा 15 दिवस के भीतर किसानों के बैंक खाते में किया जाकर व्यय राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र संचालक कृषि को उपलब्ध कराया जाएगा।

किसानों से विभिन्न सहकारी समितियों के माध्यम से उपार्जित धान पर प्रदायित आदान सहायता राशि के व्यय से संबंधित विस्तृत लेखा-जोखा के संधारण का दायित्व प्रबंध संचालक छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. (मार्कफेड) का होगा। बीज उत्पादक किसानों से उपार्जित धान बीज पर प्रदायित आदान सहायता राशि के विस्तृत लेखा-जोखा का संधारण छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमि एवं संचालक कृषि द्वारा किया जाएगा।

योजना का निरीक्षण एवं अनुश्रवण

किसानों को पात्रता अनुसार आदान सहायता राशि का एकमुश्त भुगतान सुनिश्चित करने की जवाबदारी खाद्य विभाग, मार्कफेड तथा जिला कलेक्टर की होगी। उनके द्वारा नियमित रुप से योजना क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी।

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