धान में बियासी करना क्यों है बहुत जरूरी पढ़ें , बिना बियासी का धान 25-30 % तक कम ऊपज देता है

धान में बियासी (Biyasi is a Interculture Operation of Paddy Crop)

बियासी क्या है ?

इसे ब्यासी भी कहते हैं ।  यह मुख्य रूप से बोता धान , खुर्रा बोनी , ओनारी धान एवं लाई चोभी विधि से बोया गया धान में किया जाता है । रोपा पद्धति से बोया गया धान में नहीं किया जाता । गांवों में  फसल जब लगभग 1 फुट उचाई का हो जाता है तब बैल नागर से खेत को पुनः जोता जाता है , इसी को बियासी कहते हैं ।

बियासी उपकरण का नाम 

1. बैल नागर (देशी नागर) लकड़ी वाला

2. बैल चलित बियासी यंत्र (लोहे का)

3. पावर टिलर में नास लगाकर

धान में बियासी dhan me biyasi
                                 बियासी के बाद धान का खेत

धान का बियासी करने का फायदा 

खेत का खरपतवार खत्म होता है , जिससे धान का फसल अच्छे से बढ़ता है ।

खेत की मिट्टी नरम होता है , जिससे धान का जड़ अच्छे से फैलता है और ज्यादा से ज्यादा पोषक तत्व लेता है , इसका फलस्वरूप धान में कन्से अच्छे आते हैं ।

बियासी से धान का जड़ टूटता है , जिससे पौधों में अचानक स्ट्रेस आने के कारण पौधे ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं ।

बोता धान में पौधे से पौधे की दूरी बहुत कम होता है , बहुत घन पौधे होता है, जिसके कारण धान का पौधे ज्यादा कंसा नहीं देता । बियासी करने से बहुत सारे धान मर जाते हैं , जिससे धान का पौधों को हवा पानी पोषक तत्व बराबर मिलता है।

बियासी करने से बहुत सारे हानिकारक किट और उसके अंडे , जो पत्तीयों पर चिपके होते हैं  पानी में डूब का मर जाते हैं , जिससे फसल का रक्षा होता है ।

बियासी करने से खेत में पोला पड़ता है , जिसके कारण खेत में ज्यादा पानी रुक पाता है, जो की धान के फसल के लिए बहुत जरूरी है , बिना बियासी वाला खेत कठोर होता है , इसलिए पानी ज्यादा नहीं ठहरता ।

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