छत्तीसगढ़ धान बोनस 2014 नया आदेश- किसानों को मिलेगा 2 साल का एक साथ बोनस। 2014 एवं 2015 का। ऐसे किसान जिनका मृत्यु हो गया है, खाता बंद हो गया है, डीफाल्टर किसान, जमीन बिक गया हो या बंटवारा हो गया हो के लिए बोनस भुगतान का नियम 

धान उत्पादन प्रोत्साहन योजना अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के लंबित धान उत्पादन प्रोत्साहन राशि के वितरण हेतु दिशा-निर्देश

छत्तीसगढ़ धान बोनस 2014 परिचय

प्रदेश में धान की नई व उन्नत किस्मो के उपयोग से उत्पादकता एवं उत्पादन में वृद्धि एवं कृषको को इस हेतु प्रोत्साहित करने के लिये वर्ष 2014-15 से धान उत्पादन प्रोत्साहन योजना अंतर्गत प्रदेश के ऐसे समस्त कृषक, जो धान की खेती करते है या छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमि. अंतर्गत आधार व प्रमाणित धान बीज उत्पादन करते है, से भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान पर रु. 300/- प्रति क्विंटल धान उत्पादन प्रोत्साहन राशि दी जाती थी

खरीफ वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रदेश में भारत सरकार द्वारा घोषित धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रमशः 12,57,196 कृषकों से 6,37,65,887.71 क्विं. एवं वर्ष 2015-16 में 13,23,771 कृषकों से 6,01,13,769.55 क्विं. धान का उपार्जन किया गया था । किन्तु कतिपय कारणो से धान उत्पादन प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया जा सका था। वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में कृषको से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की मात्रा पर रु. 300 प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि का भुगतान 25 दिस. 2023 को राष्ट्रीय सुशासन दिवस पर किया जाना है ।

वर्ष 2014 – 15 एवं 2015-16 के लंबित धान उत्पादन प्रोत्साहन राशि के वितरण हेतु निम्नानुसार दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं :-

छत्तीसगढ़ धान बोनस 2014 के लिए हितग्राही पात्रता

प्रदेश में खरीफ वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर जिन पात्र हितग्राही कृषकों से धान उपार्जित किया गया है ऐसे हितग्राही योजनांतर्गत पात्र होंगे ।

योजनांतर्गत धान प्रोत्साहन राशि तत्समय में छ.ग. शासन, खाद्य विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देश के अध्याधीन कृषकों द्वारा सहकारी समितियों में निर्धारित मात्रा के अंतर्गत विक्रय की गई धान की मात्रा के लिए होगा ।

बीज उत्पादक कृषकों द्वारा उत्पादित आधार एवं प्रमाणित बीज भी निर्धारित सीमा के अधीन योजनान्तर्गत लाभ की परिधि में आयेगें। बीज उत्पादक कृषकों को योजना का लाभ छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से प्राप्त होगा ।

बीज उत्पादक कृषक / समितियों को पंजीकृत रकबे के लिए सहकारी समितियों एवं छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड दोनों को मिलाकर निर्धारित अधिकतम सीमा तक ही लाभ देय होगा ।

योजना का घटक

छ.ग. शासन के द्वारा समय-समय पर जारी किये गये निर्देशों के अनुरूप निर्धारित अवधि एवं निर्धारित मात्रा में सहकारी समितियों द्वारा क्रय की गई संपूर्ण मात्रा के लिए प्रति क्विटल रू. 300/- की दर से धान उत्पादन प्रोत्साहन राशि देय होगी।

योजना का क्रियान्वयन

खाद्य विभाग द्वारा विपणन संघ / विभिन्न समितियों के माध्यम से खरीदी गई धान की मात्रा के अनुरूप कृषकों को धान प्रोत्साहन राशि वितरण की जाएगी। संचालक कृषि के द्वारा राशि का आहरण कर प्रबंध संचालक, छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या (मार्कफेड) को उपलब्ध कराया जाएगा। प्रबंध संचालक, छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या (मार्कफेड) द्वारा कृषको से उपार्जित धान पर उनकी पात्रतानुसार प्रोत्साहन राशि (रु. 300 प्रति क्विंटल) का अंतरण अपेक्स बैंक को किया जाएगा, तदोपरांत बैंक द्वारा किसानों के खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) किया जाएगा ।

बीज उत्पादक कृषकों से प्राप्त बीज की मात्रा के अनुरूप प्रोत्साहन राशि संचालक कृषि द्वारा सीधे प्रबंध संचालक, छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड को उपलब्ध कराई जाएगी। छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा कृषको से उपार्जित धान पर उनकी पात्रतानुसार प्रोत्साहन राशि (रु. 300 प्रति क्विंटल) का अंतरण सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा।

व्यय से संबंधित विस्तृत लेखा-जोखा के संधारण हेतु दायित्व का निर्धारण प्रबंध संचालक, छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या (मार्कफेड) द्वारा किया जाएगा। संधारित लेखा-जोखा के आधार पर संचालक कृषि को राशि के व्यय का उपयोगिता प्रमाण पत्र एक माह के भीतर प्रेषित किया जाएगा।

संचालक कृषि के द्वारा बीज निगम को प्रदाय राशि के विस्तृत लेखा-जोखा का संधारण प्रबंध संचालक, छ.ग राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। जिसके आधार पर बीज निगम द्वारा संचालक कृषि को राशि के व्यय का उपयोगिता प्रमाण पत्र एक माह के भीतर प्रेषित किया जाएगा।

ऐसे किसान जिनका मृत्यु हो गया है, खाता बंद हो गया है, डीफाल्टर किसान, जमीन बिक गया हो या बंटवारा हो गया हो के लिए बोनस भुगतान का नियम

वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले पात्र कृषकों को नियमानुसार धान उत्पादन प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।

कृषक, जिनके द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में धान विक्रय उपरांत भूमि विक्रय की जा चुकी है / पारिवारिक बंटवारा हो चुका है, ऐसी दशा में मूल काश्तकार, जिन्होंने धान विक्रय किया था, उनको धान उत्पादन प्रोत्साहन राशि का भुगतान नियमानुसार किया जाएगा ।

कृषक, जिनका वर्तमान में किन्ही कारणों से बैंक खाता बंद हो चुका या सुप्त अवस्था (dormant condition ) / खाता नंबर बदल जाने की स्थिति में ऐसे कृषकों का उत्पादन प्रोत्साहन राशि का भुगतान अपेक्स बैंक एवं जिला सहकारी बैंक द्वारा प्रक्रिया निर्धारण कर एवं हितग्राही से आधार नंबर प्राप्त कर नियमानुसार किया जाए।

ऐसे हितग्राही, जिनके मृत्यु होने, बैंक द्वारा डिफाल्टर घोषित करने या उनके कानूनी उत्तराधिकारी घोषित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण, धान उत्पादन प्रोत्साहन राशि का लाभ नहीं मिल पाया हो, के द्वारा राशि वितरण की निर्धारित तिथि के उपरांत तत्काल संबधित सहकारी समिति में सुसंगत दस्तावेजों सहित (मृत्यू प्रमाण पत्र, वारिसान प्रमाण पत्र इत्यादि की जानकारी) पूर्ण विवरण के साथ आवेदन प्रस्तुत करेंगे।

समिति प्रबंधक को कृषक से प्राप्त आवेदन का परीक्षण / निराकरण हेतु तहसीलदार मॉड्यूल में ऑनलाईन प्रस्तुत करेगे। तहसीलदार द्वारा अधिनस्थ संबंधित अधिकारियों से परीक्षण कराकर वारिसान का निर्धारण कर ऑनलाईन निराकरण 15 दिवस के भीतर करेंगे।

खाद्य विभाग के पोर्टल पर तकनीकी व्यवस्था हेतु मार्कफेड / खाद्य विभाग द्वारा आवश्यक कार्यवाही किया जाएगा।
भुगतान बोनस की राशि से किसी भी तरह की वसूली हितग्राही से नहीं की जाएगी

छत्तीसगढ़ धान बोनस 2014 की अधिक जानकारी के लिए नीचे पूरा पत्र पढ़ें –

धान बोनस शासकीय पत्र  2015-16

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