जानिए जिंक वाला राखर या सिंगल सुपर फास्फेट का धान या अन्य फसल में कैसे उपयोग करें ? इसको डलने से धान का खैरा रोग नहीं लगेंगे , जिसमे पत्तियां कथा रंग का हो जाता है Best SSP-2023

जिंक वाला राखर / सिंगल सुपर फास्फेट ( Zink with Single Super Phosphate)

परिचय 

फसल उत्पादन हेतु 16 तत्वो की आवश्यकता होती है। जिसमे 9 प्रमुख तत्वों के अतिरिक्त 7 सुक्ष्म तत्व भी आवश्यक होते है। क्योंकी सुक्ष्म तत्वो में जिंक का स्थान प्रमुख है, और मृदा परीक्षण में 40-50% नमुनो मे जिंक तत्व की कमी पाई गई है। इसी समस्या को ध्यान मे रखते हुये बी ई सी फर्टीलाईजर्स ने आनन्द जिंकेटेड सिंगल सुपर फॉस्फेट का निर्माण किया है।

जिंक वाला राखर / सिंगल सुपर फास्फेट

फॉस्फेट के कमी के साथ सल्फर, कैल्शीयम और जिंक जैसे सुक्ष्म तत्वों की कमी को पूरा करता है। जिंक की कमी प्रमुख रूप से धान, गेंहू, सोयाबीन, मक्का, उडद, मूंग, मटर और सभी सब्जीयों में पाई जाती है। अधिकतम धान फसल में जिंक की सर्वाधिक कमी पाई जाती है।

आनन्द का जिंकेटेड सिंगल सुपर फास्फैट (जिंक वाला राखर) के फायदे

1) फसल को चार तत्वो का फायदा (फॉस्फोरस, सल्फर, जिंक और केल्शीयम) 2) प्रोटिन, शर्करा, एवं स्टार्च के निर्माण मे मदद करता है।

2) प्रकाश संश्लेशण में प्रमुख भुमिका होती है।

3) पौधो मे रोग प्रतिरोधक क्षमता मे वृद्धी होती है। 5) फल, फुलो एवं बिज निर्माण में सहायक है

4) फसल के उत्पादन में 15-40% की वृद्धी होती है।

धान फसल मे खैरा रोग का प्रभाव

खैरा रोग जस्त (Zn) की कमी के कारण होता है। जिससे पत्तिया पीली पड़ जाती है। और बाद मे कत्थई रंग के धब्बे पड जाते है। इस से फसल को 30 से 40% नुकसान हो सकता है उपचार हेतु जिंक का प्रयोग कीया जाता है

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